The smart Trick of quotesorshayari That No One is Discussing

दहलीज हूँ... दरवाजा हूँ... दीवार नहीं हूँ।

खरीद लाये थे कुछ सवालों का जवाब ढूढ़ने।

मैंने माना कि नुकसान देह है ये सिगरेट...

जो सूख जाये दरिया तो फिर प्यास भी न रहे,

कहानियों का सिलसिला बस यूं ही चलता रहा,

न जाने उससे मिलने का इरादा कैसा लगता है,

उजालों में चिरागों की अहमियत नहीं होती।

महफ़िल में रह के भी रहे तन्हाइयों में हम,

तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है,

वो किताबें भी जवाब माँगती हैं quotesorshayari जिन्हें हम,

हुजूर लाज़िमी है महफिलों में बवाल होना,

बेचैन दिल को सुकूं की तलाश में दर-ब-दर तो न कर,

कि पता पूछ रहा हूँ मेरे सपने कहाँ मिलेंगे?

मगर उसका बस नहीं चलता मेरी वफ़ा के सामने।

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