हवा के झोंके ने फिर से पन्नों को सहलाया,
एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना।
मैंने माना कि नुकसान देह है ये सिगरेट...
मैंने कहा, नहीं दिल में एक बेवफा की तस्वीर बसी है,
कहानियों का सिलसिला बस यूं ही चलता रहा,
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले,
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं,
बिछड़ के तुझसे हर रास्ता सुनसान रहता है,
सुना है कि महफ़िल में वो बेनकाब आते हैं।
बिछड़ के मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।
कभी उनकी याद आती है कभी उनके ख्वाब आते हैं,
जर्रे-जर्रे में वो है और कतरे-कतरे में तुम।
कि पता पूछ रहा हूँ मेरे सपने कहाँ मिलेंगे?
नजर तुमसे जो मिल shayari in hindi जाये ज़माना भूल जाता हूँ।