दहलीज हूँ... दरवाजा हूँ... दीवार नहीं हूँ।
खरीद लाये थे कुछ सवालों का जवाब ढूढ़ने।
झुकाकर पलकें शायद कोई इकरार किया उसने,
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले,
भटका हूँ तो क्या हुआ संभालना भी खुद को होगा।
महफ़िल में रह के भी रहे तन्हाइयों में हम,
तुमको याद रखने में मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ,
बिछड़ के मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।
कभी उनकी याद आती है कभी उनके ख्वाब आते हैं,
बेचैन दिल को सुकूं की तलाश में दर-ब-दर तो न कर,
खुदा Love Quotes की तरह चाहने लगे थे उस यार को, वो भी खुदा की तरह हर एक का निकला।
रहा मैं वक़्त के भरोसे और वक़्त बदलता रहा,